कला का मूल उद्देश्य जीवन में मानव की दिलचस्पी की हर चीज़ को पुनः मूर्त करना है. बहुधा जीवन का स्पष्टीकरण और उसकी परिणतियों का गुण-दोष-विवेचन भी काव्यात्मक कृतियों में प्रमुख स्थान ग्रहण कर लेता है. कला का जीवन के साथ सम्बन्ध वैसा ही होता है जैसा कि इतिहास का. उनकी विषयवस्तु में अंतर केवल इतना ही होता है की इतिहास जहाँ सामाजिक जीवन का वर्णन करता है, वहां कला व्यक्तिगत जीवन का चित्रण करती है. इतिहास जहाँ मानवजाति से सम्बंधित है, वहां कला किसी एक मानव के जीवन को अपनाकर चलती है.(जोर हमारा)
-चेर्नीशेव्स्की
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